
1:05 AM से 1:30 AM, केवल 25 मिनट। 24 मिसाइलें, 9 आतंकी ठिकाने। और एक करारा संदेश: “अब लाशें गिनो, बयान नहीं पढ़ो।” भारत ने 6-7 मई की दरम्यानी रात “ऑपरेशन सिंदूर” के ज़रिए वो कर दिखाया जो पाकिस्तान दशकों से छिपाता रहा — आतंकवाद की फैक्ट्री के गेट बंद कर दिए गए।
आतंक के आंगन में मातम : मसूद अजहर की बहन, पति, भांजे और उसकी पत्नी की मौत
जहां से आतंकी आते थे, अब वहां धुआं उठ रहा है
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के 5 आतंकी अड्डे उड़ाए गए:
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सवाई नाला कैम्प (मुजफ्फराबाद) – लश्कर का बेस्टसेलर कैंप, जहां से कश्मीर भेजे गए थे टूरिस्ट हत्यारे।
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मरकज सैयदना बिलाल (मुजफ्फराबाद) – जंगल में जीना सिखाया जाता था, इंसानियत से दूर जाना भी।
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गुलपुर कैम्प (कोटली) – हत्यारे यहीं से निकले थे।
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बरनाला कैम्प (भीमबेर) – बारूद का भंडार, जिसे भारत ने राख कर दिया।
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अब्बास कैम्प (कोटली) – फिदायीनों की प्लांट नर्सरी, अब वीरान।
पाकिस्तान के अंदर आतंक की मुख्य फैक्ट्रियां भी साफ़ कर दी गईं
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सरजल कैम्प (सियालकोट) – सुरंग खोदने वाले जैश के विशेषज्ञ यहीं से निकले थे।
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महमूना जोया कैम्प (सियालकोट) – स्वास्थ्य केंद्र की आड़ में आतंक का इलाज चल रहा था।
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मरकज तैयबा (मुरीदके) – अजमल कसाब, हेडली, ओसामा का साया — अब सिर्फ राख।
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मरकज सुभानअल्लाह (बहावलपुर) – मसूद अजहर का मुख्यालय, जहां से पुलवामा की साजिश रची गई थी — अब सिर्फ धुआं और मातम।
मसूद अजहर का ‘सिंदूरी’ मातम
इसी ऑपरेशन में मसूद अजहर का घर, उसका परिवार और जैश की विरासत सिंदूर की तरह बिखर गई। उसे छोड़ने के बदले 1999 में कंधार में लोगों को रिहा किया गया था। अब वह खुद अपने घरवालों को दफनाते हुए कह रहा है:
“मुझे भारत से रिहाई नहीं, रहम चाहिए।”
जहां ब्रेनवॉश होता था, वहां अब खामोशी है
इन अड्डों में:
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बच्चों को AK-47 का नाम ‘अल्लाह’ बताकर सिखाया जाता था।
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युवाओं को “काफिर मारना जन्नत की चाबी” कहा जाता था।
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ड्रोन से नशा और हथियार भारत भेजे जाते थे।
अब सिर्फ मिसाइलों के निशान बचे हैं।
ओसामा बिन लादेन और लश्कर-ए-तैयबा: मिलिटेंसी का अंतरराष्ट्रीय निवेशक
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मरकज तैयबा कैम्प (मुरीदके), जिसे ऑपरेशन सिंदूर में नष्ट किया गया — वहीं पर ओसामा बिन लादेन ने 10 लाख पाकिस्तानी रुपये दिए थे, ताकि वहां एक गेस्ट हाउस बन सके, जो आतंकियों का VIP लॉज बना।
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इस मरकज में ही अजमल कसाब, डेविड हेडली और तहव्वुर राणा जैसे आतंकी ब्रेनवॉश और ट्रेन हुए।
यहीं से 26/11 मुंबई हमले की स्क्रिप्ट लिखी गई थी।
भारत का स्पष्ट संदेश:
“हमें किसी देश से नहीं, आतंक के पते से दिक्कत है।”
“और अब वो पते मिटा दिए गए हैं।”
लेख में सूत्रों से मिली जानकारी भी शामिल की गई है।